पावन जीवन चरित्र (प्रथम भाग)

1. शुभ-प्राकट्य

2. वंश-परिचय

3. बाल एवं यौवन अवस्था

4. 11 वर्ष की अवस्था में गीता कण्ठस्थ

5. नारद जी की कृपा प्राप्ति तथा हरिद्वार-हिमालय की ओर गमन

6. श्रील सरस्वती गोस्वामी ठाकुर जी की कृपा लाभ

7. दीक्षा मन्त्र ग्रहण करने से पूर्व-आश्रम के सभी लोगों में असन्तोष

8. श्रील गुरुदेव जी का श्रीगौड़ीय मठ प्रतिष्ठान में योगदान

9. श्रीगौड़ीय मठ प्रतिष्ठान की बहुमुखी सेवा

10. सरभोग श्रीगौड़ीय मठ में श्रील प्रभुपाद जी का गुरुदेव जी के प्रति आशीर्वाद

11. विदेशों में प्रचार के लिए भेजने का प्रस्ताव

12. बंगाल के तत्कालीन पण्डित श्री पंचानन तर्करत्न के साथ विचार

13. श्रील गुरुदेव जी का डा० सी.वी. रमन जी से कथोपकथन

14. मेदिनीपुर में श्रीश्यामानन्द गौड़ीय मठ की स्थापना

15. श्रील गुरु महाराज जी का संन्यास

16. बंगला देश में प्रचार

17. श्रीमति कुसुम कुमारी देवी की अद्भुत वैष्णव सेवा

18. आसाम प्रचार भ्रमण के समय श्रील गुरुदेव

19. श्रीगोपीनाथ बड़दलई के घर में श्रील गुरुदेव

20. ग्वालपाड़ा शहर में श्रील गुरुदेव जी का शुभ पदार्पण

21. हाउली बन्दरगाह में श्रील गुरुदेव

22. श्रीगौड़ीय मठ, तेजपुर

23. श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ, गोहाटी

24. श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ, ग्वालपाड़ा

25. हैदराबाद में श्रीचैतन्य गौड़ीय मठ के प्रतिष्ठाता का शुभ पदार्पण