श्रील गुरुदेव जी के पूर्वाश्रम के पितृवंश का परिचय इस प्रकार मिलता है-आपके दादाजी श्री चण्डी प्रसाद देवशर्मा वन्द्योपध्याय थे और आपके पिता जी का नाम श्री निशिकान्त देवशर्मा वन्द्योपाध्याय था। आपके पिता जी का घर ढाका के भराकर गाँव में था जो विक्रमपुर परगना के टेगिबाड़ी थाने के अन्तर्गत था। आपके पिता जी तथा दादा जी विक्रमपुर में एक स्वधर्मनिष्ठ व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध थे। श्रीगुरुदेव जी की माता जी का नाम श्रीमती शैवालिनी देवी था। वह परम भक्तिमती और देव-द्विज-साधु सेवा परायण थीं। जब श्रीगुरुदेव चार वर्ष के हुए तो आपका अपने पिता जी से वियोग हो गया। तब आपकी माता जी आपको लेकर अपने भाईयों के घर चली आईं और वहाँ ही आपका पालन पोषण करने लगी। यहाँ आपको अपने मामा लोगों का बहुत प्यार मिला। यद्यपि आपके पिता जी ने आपका नाम श्री हेरम्ब कुमार वन्द्योपाध्याय रखा था परन्तु आपको सभी स्नेह परवश होकर गणेश नाम से पुकारते थे।