
Today's Updesh
हमारे लिए क्या करणीय है और क्या अकरणीय, इसको भली भांति समझने के लिए मापदंड स्वयं वेद व्यास मुनि ने पद्म पुराण में दिया है—“हमें सदैव श्रीकृष्ण का स्मरण करना है व उन्हें कभी भूलना नहीं है।” निरन्तर श्रीकृष्ण स्मरण उपयोगी भक्ति अंगों के पालन के विषय में व श्रीकृष्ण विस्मृति कारक कर्मों के निषेध के विषय में शास्त्रों में बताया गया है। इन शास्त्र-विधान के अतिरिक्त यदि कोई क्रिया कृष्ण का स्मरण कराए तो वह स्वीकार्य व श्रीकृष्ण का विस्मरण कराए तो वह परित्यज्य है।
श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज
श्री श्रीमद् भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज का संक्षिप्त परिचय
‘ऊदाहरण उपदेश से श्रेष्ठ है’ – यही आपकी प्रचार-शैली थी। जो कोई भी आपके श्रेष्ठ व्यक्तित्व के संपर्क में आया उसने आपकी जीवों के प्रति करुणा, पूर्ण वैराग्य, पूर्ण सहिष्णुता, गहन आध्यात्मिक आनंद, श्री गुरु में अनन्य विश्वास और श्री चैतन्य महाप्रभु के प्रति पूर्ण भक्ति एवं समर्पण के भाव को स्पष्ट रूप से देखा। आप शास्त्रों के सिद्धांतों से बिंदुमात्र भी विचलित न होने के लिए जाने जाते हैं। आपके सभी के प्रति अनुरागशील स्वभाव और गुरु-वैष्णवों की सेवा के प्रति समर्पण जैसे गुणों के लिए आप कई गौड़ीय संस्थाओं के आचार्यों के लिए आदर्श हैं।
आज की तिथि - June 1, 2025
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Gaudiya kanthahara
ईश्वरः परमः कृष्णः सच्चिदानंद-विग्रहः
अनादिर आदि गोविंदः सर्व-कारण-करणम्
कृष्ण जिन्हें गोविंदा के नाम से जाना जाता है, वे परम देव हैं। उनका शाश्वत आनंदमय आध्यात्मिक शरीर है। वे सभी का मूल हैं। उनका कोई अन्य मूल नहीं है और वे सभी कारणों के मूल कारण हैं।


07 जून, 2025
उन्मिलनि महाद्वादशी का व्रत।
8 जून 2025
प्रात: 7:12 से पहले पारण।