दो मार्ग हैं 1) प्रवृत्ति मार्ग—गृहस्थ जीवन (स्व-वर्ण-विवाह) व 2) निवृत्ति मार्ग—गृह त्यागी जीवन। साधारणतः लोग प्रवृत्ति मार्ग के अधिकारी हैं। जिन्होंने निश्चय कर लिया है कि वे गृहस्थ जीवन में प्रवेश नहीं करेंगे, वे ही त्यागी जीवन के अधिकारी हैं।

श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज

अक्टूबर 06, 2024 चतुर्थी
त्रिदंडी स्वामी श्रीमद् भक्ति प्रमोद पुरी गोस्वामी महाराज का आविर्भाव।

9 नवम्बर शनिवार
श्रीगोपाष्टमी एवं गोष्ठाष्टमी। गो- पूजा एवं गो- ग्रास दान। श्रील गदाधर दास गोस्वामी, श्रील धनञ्जय पण्डित एवं श्रील श्रीनिवास आचार्य प्रभु का तिरोभाव।