
Today's Updesh
जीव, धर्म के लिए सूर्य, अर्थ के लिए गणेश, काम के लिए शक्ति एवं मोक्ष हेतु शिव की आराधना करता है। परन्तु वास्तव में यह पूजा नहीं है । बल्कि अपने आराध्य को अपनी कामनाओं की पूर्ति करने वाला सेवक मानना हो जाता है। सेवा किसे कहते हैं? यह जानना अत्यन्त आवश्यक है। केवल अपने आराध्य को आनन्द प्रदान करने का नाम ही सेवा है। श्रीहरि ही सबके मूल हैं। हम सभी उनके दास हैं। उनकी सेवा करने से ही सभी की सेवा करना हो जाता है।
प्रभुपाद
श्री श्रीमद् भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज का संक्षिप्त परिचय
‘ऊदाहरण उपदेश से श्रेष्ठ है’ – यही आपकी प्रचार-शैली थी। जो कोई भी आपके श्रेष्ठ व्यक्तित्व के संपर्क में आया उसने आपकी जीवों के प्रति करुणा, पूर्ण वैराग्य, पूर्ण सहिष्णुता, गहन आध्यात्मिक आनंद, श्री गुरु में अनन्य विश्वास और श्री चैतन्य महाप्रभु के प्रति पूर्ण भक्ति एवं समर्पण के भाव को स्पष्ट रूप से देखा। आप शास्त्रों के सिद्धांतों से बिंदुमात्र भी विचलित न होने के लिए जाने जाते हैं। आपके सभी के प्रति अनुरागशील स्वभाव और गुरु-वैष्णवों की सेवा के प्रति समर्पण जैसे गुणों के लिए आप कई गौड़ीय संस्थाओं के आचार्यों के लिए आदर्श हैं।
आज की तिथि - April 25, 2025
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Gaudiya kanthahara
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय आठ
(भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा)
अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् ।
यः प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशयः ।।८-५।।
और जीवन के अन्त में जो केवल मेरा स्मरण करते हुए शरीर का त्याग करता है, वह तुरन्त मेरे स्वभाव को प्राप्त करता है। इसमें रचमात्र भी सन्देह नही है।


24 अप्रैल गुरुवार
वरुथिनी एकादशी उपवास ।
अप्रैल 25, द्वादशी – प्रातः 8:08 से पहले पारण।
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30 अप्रैल बुधवार
अक्षय तृतीया।
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8 मई, 2025
मोहिनी एकादशी का व्रत।
मई 9, द्वादशी पारण 9:24 से पहले ।