Srila Gurudeva
Prabhupad Letters Letters
1. श्रील प्रभुपाद जी की पत्रावली
2. हमारे जीवन का प्रयोजन
3. पवित्र नाम का जप
4. अनर्थ निवृत्ति का उपाय
5. चित्त की चंचलता एवं सेवा में अपराध आदि का विचार
6. “नाम-भजन करनेवाले और अर्चन करनेवाले के लिए उपदेश”
7. कर्म, ज्ञान और अन्य इच्छाओं के बीच का अंतर गहराई से समझने योग्य है