श्री श्रीगुरु गौरांगौ जयत:
व्रत उत्सव निर्णय पत्रम् ( भारतीय समयानुसार )
चंडीगढ़ + 5 :30
सन् 2024-25 विक्रम संवत् 2080 – 2081
– एकादशी-व्रत पारण मन्त्र
तव प्रसाद-स्वीकारात् कृतं यत् पारणं मया।
व्रतेनानेन सन्तुष्टः स्वस्तिं भक्तिं प्रयच्छ मे॥
– – – -विष्णु – 538 (29) दिन – – – – –
2 नवम्बर
पूर्वाण (सुबह) में श्रीगोवर्धन पूजा, अन्नकूट महोत्सव। गो-पूजा। श्रीबलि दैत्यराज पूजा।
श्रीकृष्णदासवर्योऽयं श्रीगोवर्धन – भूधरः ।
शुक्लप्रतिपदि प्रातः कार्तिकेऽच्चर्योऽत्र वैष्णवैः ।।
प्रातर्गोवर्धनं पूज्य रात्रौ जागरणं चरेत्। (हःभःविः) श्रील सनातन गोस्वामी जी की टीका, “श्रीगोवर्धनपूजा च शुक्लप्रतिपत् – प्रभाते वैष्णवैरवश्यं कार्या।” श्रीश्रील रसिकानन्द प्रभु का आविर्भाव। श्रीश्रील प्रभुपाद – अनुकम्पित त्रिदण्डिस्वामी श्रीमद् भक्ति कुसुम श्रमण गोस्वामी महाराज जी का आविर्भाव।
3 नवम्बर
श्रीगौरपार्षद श्रील वासुदेव घोष ठाकुर का तिरोभाव। श्रीश्रील प्रभुपाद – अनुकम्पित त्रिदण्डिस्वामी श्रीमद् भक्ति सर्वस्व गिरी गोस्वामी महाराज जी का तिरोभाव।
4 नवम्बर
श्रीगौड़ीय वेदान्त समिति के प्राक्तन सभापति आचार्य श्रील गुरुदेव नित्यलीलाप्रविष्ट ॐ विष्णुपाद अष्टोत्तरशतश्री श्रीमद् भक्तिवेदान्त वामन गोस्वामी महाराज जी का 20वां वार्षिक विरह – महोत्सव । त्रिदण्डिस्वामी श्रीमद् भक्ति वेदान्त त्रिविक्रम गोस्वामी महाराज जी का तिरोभाव। श्रीदेवानन्द गौड़ीय मठ एवं श्रीगौड़ीय वेदान्त समिति के अन्य शाखा मठों में वार्षिक विरह महोत्सव।
5 नवम्बर – मंगलवार
श्रीश्रील प्रभुपाद अनुकम्पित त्रिदण्डिस्वामी श्रीमद् भक्ति वेदान्त स्वामी महाराज जी का तिरोभाव।