Srila Gurudeva
पावन जीवन चरित्र (द्वितीय भाग)
1. हैदराबाद में मठ की संस्थापना
2. श्रीगीता की शिक्षा
3. “श्रीनाम महिमा”
4. विश्व शान्ति समस्या के समाधान में श्रीचैतन्यदेव
5. हैदराबाद मठ में विग्रह-प्रतिष्ठा
6. आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल, श्रीभीमसेन सच्चर के आमन्त्रण पर
7. हैदराबाद मठ की अपनी ज़मीन पर भित्ति-संस्थापन
8. ईश्वर भक्ति से आत्मा को सुप्रसन्नता लाभ होती है।
9. सनातन धर्म और श्रीविग्रह-पूजा
10. श्रीकृष्ण चैतन्य महाप्रभु एवं प्रेम-धर्म
11. भागवत की शिक्षा
12. 86 ए रास बिहारी एवेन्यु
13. सन् 1956 से सन् 1960 तक
14. अपना निष्कपट मंगल चाहने वाले साधकों के प्रति
15. श्रीचैतन्य गौड़ीय विद्यामन्दिर (प्राथमिक) संस्थान
16. श्री चैतन्य वाणी’ पारमार्थिक मासिक पत्रिका का प्रकाशित होना
17. श्री चैतन्य वाणी’ प्रैस संस्थापन
18. श्री चैतन्य वाणी’ के दूसरे वर्ष में श्रील गुरुदेव जी की आशीर्वाद-वाणी
19. श्री चैतन्य वाणी’ के तृतीय वर्ष में श्रील गुरुदेव जी की ‘श्री चैतन्य वाणी’ वन्दना
20. श्री चैतन्य वाणी’ के चौथे वर्ष में प्रवेश पर श्रील गुरुदेव द्वारा वन्दना
21. पंचम वर्ष में ‘श्री चैतन्य वाणी’ के प्रवेश परश्रील गुरुदेव द्वारा उनकी वन्दना
22. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव
23. श्रील गुरुदेव जी की शुभाविर्भाव तिथि पूजा
24. पाणिहाटि, राघव भवन में श्रील गुरुदेव