पुष्पांजलि
श्रीपाद चन्द्र प्रकाश सपरा जी द्वारा

पतित पावन गुरु महाराज जी के 73 वें जन्म दिवस समारोह के शुभ अवसर पर मैं उनके चरण कमलों में प्रणाम करता हूँ । अत्यन्त पतित होने के कारण, मैं उनकी असीम आध्यात्मिक उपलब्धि को जानने में अक्षम हूँ जिसको वे भगवत् प्रेम में डूबे हुए शुद्ध भक्तों के समक्ष ही प्रकट करते हैं।

जब भी वे हरिकथा का कीर्तन करते हैं तब वे परमेश्वर श्रीकृष्ण के जीवन के हर पहलू का ऐसा सजीव एवं स्वत: स्फूर्त वर्णन करते हैं कि लगता है कि वे अपने हृदय में बैठे हुए भगवान की लीला को स्वयं देख रहे हों तथा लीलाओं का दर्शन करते हुए ही उनका वर्णन कर रहे हों।

उनका हृदय भगवान की कृपा एवं हमारे परमगुरु महाराज नित्य लीला प्रविष्ट ॐ श्री श्रीमत् भक्ति दयित माधव महाराज से प्राप्त दिव्य प्रकाश से परिपूर्ण है।
वे भगवान श्रीकृष्ण के सच्चे पार्षद हैं जो कि हमें निष्काम प्रेम से हमें हमारे वास्तविक धाम अर्थात भगवद् धाम में ले जाने के लिए इस जगत में आए हैं।

निष्कपट रूप से आपकी सेवा में
सी.पी. सपरा