प्रतिदिन बिना चूके प्रतिज्ञापूर्वक श्रीनाम संख्या को पूरा करना। श्रीमन्महाप्रभु का निर्देश है कि प्रतिदिन 1 लाख नाम ग्रहण (जप) कर लखपति होना होगा तभी भगवान तुम्हारे द्वारा अर्पित अन्न-जल आदि ग्रहण करेंगे।
संसार में जितने भी अनुष्ठान हैं वह सभी श्रीहरिनाम में लगाने के लिए ही हैं। अतः ऐसा अनुकूल वातावरण तैयार करना चाहिए कि सुष्ठू रूप से श्रीहरिनाम व्रत का पालन हो सके।
निरपराध होकर श्रीहरिनाम ग्रहण तथा भगवान का साक्षात्कार (दर्शन) एक ही वस्तु है।
— गुरुदेव श्रीश्रीमद् भक्ति वेदान्त वामन गोस्वामी महाराज जी, सभापति-आचार्य श्री गौड़ीय वेदान्त समिति
पत्र दिनांक : 11/11/1970
श्रीजगन्नाथ मंदिर, बहरमपुर, पश्चिम बंगाल