“दीनता और नम्रता का अर्थ है सत्य के प्रति पूर्ण शरणागति और असत्य के लिए कोई सहानुभूति नहीं। जो व्यक्ति असत्य के लिए किसी भी प्रकार का पक्षपात करता है वह श्रीहरि-कीर्तन करने के लिए उपयुक्त नहीं है।”
“दीनता और नम्रता का अर्थ है सत्य के प्रति पूर्ण शरणागति और असत्य के लिए कोई सहानुभूति नहीं। जो व्यक्ति असत्य के लिए किसी भी प्रकार का पक्षपात करता है वह श्रीहरि-कीर्तन करने के लिए उपयुक्त नहीं है।”