दशावतारों के बीच में मत्स्य अवतार आदि अवतार हैं। श्रील कविराज गोस्वामी जी ने श्री चैतन्य चरितामृत की मध्यलीला के 20वें परिच्छेद में स्वयं रूप श्री कृष्ण एवं उनके अवतारों के संक्षिप्त दिग्दर्शन के प्रसंग में लिखा है कि – श्री कृष्ण के मुख्य छः प्रकार के अवतारों में लीलावतार भी हैं।
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