हम भूलवशतः स्वयं को देह

 

हम भूलवशतः स्वयं को देह व देह सम्बन्धी अन्य व्यक्तियों को अपना बन्धु मानते हैं। वास्तव में हम श्रीकृष्ण के हैं व श्रीकृष्ण हमारे हैं।

श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज