बन्धु-बांधवों से प्रीति

श्रीचैतन्य महाप्रभु की शिक्षाओं के अनुगत होते हुए़ भी, यदि हम अपने ही बन्धु-बांधवों से प्रीति न कर सके, तो किसी अन्य से प्रीति कैसे करेंगे?

श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज