आज शिव चतुर्दशी तिथि है। आज की तिथि अर्थात् फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शिवजी को बहुत प्रिय है। इसकी कथा जो शास्त्रों में वर्णित है, मैं संक्षेप में उसका वर्णन करूँगा। एक व्याध(शिकारी) जंगल में रहता था। एक दिन उस शिकारी को कोई जानवर मारने का अवसर नहीं मिला। रात को वह एक पवित्र सरोवर के किनारे में बिना कुछ खाए रहा। सारी रात्रि उसे नींद नहीं आई। दैव से क्या हुआ कि वहाँ समीप में एक शिवलिंग था,उससे ज्ञात नहीं था। उसके हाथ से बेल वृक्ष का पत्ता शिवलिंग के ऊपर गिर गया। फिर उसने निकटवर्ती सरोवर से जल भी शिवलिंग अकस्मात गिरा दिया। इससे शिवजी उन पर बहुत प्रसन्न हो गए और मृत्यु के बाद वह शिवलोक में चला गया।
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